भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"धोखे में डाल सकते हैं / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
छो (धोखे में डाल सकते हैं /नागार्जुन का नाम बदलकर धोखे में डाल सकते हैं / नागार्जुन कर दिया गया है) |
|
(कोई अंतर नहीं)
|
19:43, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
हम कुछ नहीं हैं
कुछ नहीं हैं हम
हाँ, हम ढोंगी हैं प्रथम श्रेणी के
आत्मवंचक... पर-प्रतारक... बगुला-धर्मी
यानी धोखेबाज़
जी हाँ, हम धोखेबाज़ हैं
जी हाँ, हम ठग हैं... झुट्ठे हैं
न अहिंसा में हमारा विश्वास है
मन, वचन, कर्म... हमारा कुछ भी स्वच्छ नहीं है
हम किसी की भी 'जय' बोल सकते हैं
हम किसी को भी धोखे में डाल सकते हैं
(रचनाकाल : 1975)