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"पत्थर युग में / रमा द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

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लहूलुहान तो नहीं होंगी।
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22:03, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

ऐसा लगता है,जैसे हम,
पत्थर युग की ओर
धीरे-धीरे सरक रहे हैं।
अच्छा है अगर,
सब पत्थर बन जाएं,
कम से कम
ऊंच-नीच की खाई तो
पट जाएगी,
और भावनाएं इस तरह,
लहूलुहान तो नहीं होंगी।