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+ | न रो वीरा आपने. | ||
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13:50, 1 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
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पंजाबी लोकगीत
चन्ना वे तेरी मेरी चानड़ी,
तारया वे तेरी मेरी लो,
नी ओ ओ तारया वे तेरी मेरी लो,
चन्न पकावे रोटियां,
तारा करे रसो,
नी ओ ओ तारा करे रसो,
चन्न दियां पक्कियां खा लईयां,
तारे दियां रह गईयाँ दो,
नी ओ ओ तारे दियां रह गईयाँ दो,
सस ने मैनू आख्या,
घ्यो विच आटा गो,
नी ओ ओ घ्यो विच आटा गो,
घ्यो विच आटा थोडा पया,
सस्स मैनू गलियां देवे,
नी ओ ओ सस्स मैनू गलियां देवे,
न दे सस्से गलियां,
एथे मेरी कौन सुणे
नी ओ ओ एथे मेरी कौन सुणे,
बागे विच मेरा बापू खड़ा,
रो रो नीर भरे,
नी ओ ओ रो रो नीर भरे,
न रो बापू मेरेया,
इत्थे मेरा कौन सुणे,
नी ओ ओ इत्थे मेरा कौन सुणे,
बागे विच मेरा वडा भराह,
रो रो नीर भरे,
नी ओ ओ.
रो रो नीर भरे.
न रो वीरा आपने.
इत्थे मेरा कौन सुणे.
नी ओ ओ इत्थे मेरा कौन सुणे.
न रो माये मेरिये. इत्थे मेरा कौन सुणे.
नी ओ ओ इत्थे मेरा कौन सुणे.
चन्न दियां पक्कियां खा लईयां,
तारे दियां रह गईयाँ दो.
नी ओ ओ तारे दियां रह गईयाँ दो.
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