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"मेरा नाम राजू घराना अनाम / शैलेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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+ | कभी लूट सका न कोई ये खज़ाना | ||
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− | + | धूल का इक बादल अलबेला | |
− | + | निकला हूँ अपने सफ़र में अकेला | |
− | + | छुप-छुप देखूँ मैं दुनिया का मेला | |
− | + | काहे मान करे, अभिमान करे | |
− | + | नादान तुझे इक दिन तो है जाना | |
− | + | डफ़ली उठा आवाज़ मिला | |
− | + | गा मिल के मेरे संग प्रेम तराना | |
− | + | मेरा नाम राजू ... | |
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10:57, 1 मार्च 2010 के समय का अवतरण
मेरा नाम राजू घराना अनाम
बहती है गंगा जहाँ मेरा धाम
मेरा नाम राजू ...
काम नये नित गीत बनाना
गीत बना के जहां को सुनाना
कोई न मिले तो अकेले में गाना
कविराज कहे, न ये ताज रहे
न ये राज रहे, न ये राजघराना
प्रीत और प्रीत का गीत रहे
कभी लूट सका न कोई ये खज़ाना
मेरा नाम राजू ...
धूल का इक बादल अलबेला
निकला हूँ अपने सफ़र में अकेला
छुप-छुप देखूँ मैं दुनिया का मेला
काहे मान करे, अभिमान करे
नादान तुझे इक दिन तो है जाना
डफ़ली उठा आवाज़ मिला
गा मिल के मेरे संग प्रेम तराना
मेरा नाम राजू ...