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"अब हम गुम हुए / बुल्ले शाह" के अवतरणों में अंतर
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− | अब हम | + | अब हम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर |
− | अपने आप को | + | अपने आप को जाँच रहा हूँ |
ना सर हाथ ना पैर | ना सर हाथ ना पैर | ||
हम धुत्कारे पहले घर के | हम धुत्कारे पहले घर के | ||
कौन करे निरवैर! | कौन करे निरवैर! | ||
− | खोई | + | खोई ख़ुदी मनसब पहचाना |
− | जब देखी है | + | जब देखी है ख़ैर |
− | दोनों | + | दोनों जहाँ में है बुल्ला शाह |
− | कोई नहीं है | + | कोई नहीं है ग़ैर |
− | अब हम | + | अब हम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर |
'''मूल पंजाबी पाठ''' | '''मूल पंजाबी पाठ''' | ||
− | अब हम | + | अब हम गुम हुए प्रेम नगर के शहर |
अपने आप नूं सोध गिआ हाँ | अपने आप नूं सोध गिआ हाँ | ||
ना सर हाथ ना पैर | ना सर हाथ ना पैर |
19:15, 8 मार्च 2010 के समय का अवतरण
अब हम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर
अपने आप को जाँच रहा हूँ
ना सर हाथ ना पैर
हम धुत्कारे पहले घर के
कौन करे निरवैर!
खोई ख़ुदी मनसब पहचाना
जब देखी है ख़ैर
दोनों जहाँ में है बुल्ला शाह
कोई नहीं है ग़ैर
अब हम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर
मूल पंजाबी पाठ
अब हम गुम हुए प्रेम नगर के शहर
अपने आप नूं सोध गिआ हाँ
ना सर हाथ ना पैर
लथ्थे पगड़े पहले घर थीं
कौन करे निरवैर!
खुदी खोई अपना पद चीता
तब होई गल्ल खैर
बुल्ला शाह है दोहीं जहानीं
कोई ना दिसदा गैर
अब हम गुम हुए प्रेम नगर के शहर