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"ख़लिश / हरकीरत हकीर" के अवतरणों में अंतर

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यूँ क़रीब से  
 
यूँ क़रीब से  
गज़रा कर
+
गुज़रा कर
 
अय सबा!
 
अय सबा!
  

15:59, 3 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण

यूँ क़रीब से
न गुज़रा कर
अय सबा!

तेरे क़दमों की
आहट भी
खलिश दे जाती है

कभी मुहब्बत...
मेरे दर आई जो नहीं...!!