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"जीना है / एकांत श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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फूलों की आत्मा में बसी | फूलों की आत्मा में बसी | ||
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जल में 'छपाक' से | जल में 'छपाक' से | ||
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चुकाना है | चुकाना है | ||
बरसों से बकाया | बरसों से बकाया | ||
− | पिछले | + | पिछले दुखों का ऋण |
पोंछना है | पोंछना है | ||
पृथ्वी के चेहरे से | पृथ्वी के चेहरे से | ||
− | + | अँधेरे का रँग | |
− | पानी की | + | पानी की आँखों में |
पूरब का गुलाबी सपना बनकर | पूरब का गुलाबी सपना बनकर | ||
उगना है | उगना है | ||
− | अभी बहुत-बहुत | + | अभी बहुत-बहुत बरस। |
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19:40, 1 मई 2010 के समय का अवतरण
फूलों की आत्मा में बसी
ख़ुशबू की तरह
जीना है
अभी बहुत-बहुत बरस
मुश्किलों को उठाना है
पत्थरों की तरह
और फेंक देना है
जल में 'छपाक' से
हँसना है बार-बार
चुकाना है
बरसों से बकाया
पिछले दुखों का ऋण
पोंछना है
पृथ्वी के चेहरे से
अँधेरे का रँग
पानी की आँखों में
पूरब का गुलाबी सपना बनकर
उगना है
अभी बहुत-बहुत बरस।