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"चूहे / नवीन सागर" के अवतरणों में अंतर

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तो धरती पर
 
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किसी के लिए जगह न होगी
 
किसी के लिए जगह न होगी
ओ बिल्‍ली! तूने उसे मुंह में दबाया
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ओ बिल्‍ली! तूने उसे मुँह में दबाया
 
तेरा भोजन! तू जा!!
 
तेरा भोजन! तू जा!!
पर वे क्‍या खाएं अगर
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पर वे क्‍या खाएँ अगर
उनके खाने पर आदमी का कब्‍जा है
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उनके खाने पर आदमी का कब्‍ज़ा है
 
उन्‍हें घेर-पकड़कर मारने वालों को नहीं पता
 
उन्‍हें घेर-पकड़कर मारने वालों को नहीं पता
कि अगर उनके दिमाग में आ जाए
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कि अगर उनके दिमाग़ में आ जाए
 
तो वे सब को कुतर डालें
 
तो वे सब को कुतर डालें
बिलों में खींच ले जाएं
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बिलों में खींच ले जाएँ
 
भगवान ने इसलिए उन्‍हें दिमाग नहीं दिया
 
भगवान ने इसलिए उन्‍हें दिमाग नहीं दिया
 
ताकि प्राणियों में उसका श्रेष्‍ठ प्राणी
 
ताकि प्राणियों में उसका श्रेष्‍ठ प्राणी
 
यह मनुष्‍य बचा रहे
 
यह मनुष्‍य बचा रहे
 
भगवान
 
भगवान
अपनी हर चीज की कीमत पर जिसे
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अपनी हर चीज़ की कीमत पर जिसे
 
बचा रहा है  
 
बचा रहा है  
 
उससे बच, चूहे!
 
उससे बच, चूहे!
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13:21, 31 मई 2010 के समय का अवतरण

शेर वगैरह जब गिने-चुने होते हैं
चूहों को गिना नहीं जा सकता
वे धरती के नीचे से
अगर एक साथ निकलना शुरू करें
तो धरती पर
किसी के लिए जगह न होगी
ओ बिल्‍ली! तूने उसे मुँह में दबाया
तेरा भोजन! तू जा!!
पर वे क्‍या खाएँ अगर
उनके खाने पर आदमी का कब्‍ज़ा है
उन्‍हें घेर-पकड़कर मारने वालों को नहीं पता
कि अगर उनके दिमाग़ में आ जाए
तो वे सब को कुतर डालें
बिलों में खींच ले जाएँ
भगवान ने इसलिए उन्‍हें दिमाग नहीं दिया
ताकि प्राणियों में उसका श्रेष्‍ठ प्राणी
यह मनुष्‍य बचा रहे
भगवान
अपनी हर चीज़ की कीमत पर जिसे
बचा रहा है
उससे बच, चूहे!