भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आंखें / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
|||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | + | तेरी आँखें चँदा जैसी | |
+ | मेरी आँखें काली रात | ||
− | तेरी | + | तेरी आँखों में हैं फूल |
− | मेरी | + | मेरी आँखों में सब धूल |
− | तेरी | + | तेरी आँखें दुनिया देखें |
− | मेरी | + | मेरी आँखें घूरा नापें |
− | तेरी | + | तेरी आँखें है हरषाई |
− | मेरी | + | मेरी आँखें हैं पथराई |
− | तेरी | + | तेरी आँखें पुण्य जमीन |
− | मेरी | + | मेरी आँखें नीच कमीन |
− | तेरी | + | तेरी आँखें वेद पुरान |
− | मेरी | + | मेरी आँखें शापित जान |
− | तेरी | + | तेरी आँखें तेरा जाप |
− | मेरी | + | मेरी आँखें मेरा पाप |
− | तेरी | + | तेरी आँखें पुण्य प्रसूत |
− | मेरी | + | मेरी आँखें बड़ी अछूत |
− | + | '''रचनाकाल : 1997''' | |
− | + | ||
− | 1997 | + | |
<poem> | <poem> |
21:00, 16 मई 2010 के समय का अवतरण
तेरी आँखें चँदा जैसी
मेरी आँखें काली रात
तेरी आँखों में हैं फूल
मेरी आँखों में सब धूल
तेरी आँखें दुनिया देखें
मेरी आँखें घूरा नापें
तेरी आँखें है हरषाई
मेरी आँखें हैं पथराई
तेरी आँखें पुण्य जमीन
मेरी आँखें नीच कमीन
तेरी आँखें वेद पुरान
मेरी आँखें शापित जान
तेरी आँखें तेरा जाप
मेरी आँखें मेरा पाप
तेरी आँखें पुण्य प्रसूत
मेरी आँखें बड़ी अछूत
रचनाकाल : 1997