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"यदि तेरा अंचल वाहक / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर
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18:23, 26 मई 2010 के समय का अवतरण
यदि तेरा अंचल वाहक
मैं भी बन सकता, प्रियतम!
भर देती उर घावों को
तेरी करुणा की मरहम!
उस निस्तल मधु सागर से
पीते जिससे जड़ चेतन,
साक़ी, मैं भी पा जाता
तब एक बूँद उर मादन!