भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"साक़ी ईश्वर है करुणाकर / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुमित्रानंदन पंत |संग्रह= मधुज्वाल / सुमित्रान…) |
छो ("साक़ी ईश्वर है करुणाकर / सुमित्रानंदन पंत" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:30, 28 मई 2010 के समय का अवतरण
साक़ी, ईश्वर है करुणाकर,
उसकी कृपा अपार क्षमामय;
दुष्कृत से फिर तू क्यों वंचित,
सब के लिए समान सुरालय!
दान पुण्य फल यदि करुणांचल,
न्याय दया में तब क्या अंतर?
छोड़ कलुष भय, हो निः संशय,
पाप दया सहचर हैं निश्वय!