भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तिल्ली सिंह / रामनरेश त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
{{KKCatBaalKavita}}
 
{{KKCatBaalKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
तिल्ली सिंह
 
 
पहने धोती कुरता झिल्ली
 
पहने धोती कुरता झिल्ली
 
गमछे से लटकाये किल्ली
 
गमछे से लटकाये किल्ली
 
कस कर अपनी घोड़ी लिल्ली
 
कस कर अपनी घोड़ी लिल्ली
 
तिल्ली सिंह जा पहुँचे दिल्ली
 
तिल्ली सिंह जा पहुँचे दिल्ली
 +
 
पहले मिले शेख जी चिल्ली
 
पहले मिले शेख जी चिल्ली
 
उनकी बहुत उड़ाई खिल्ली
 
उनकी बहुत उड़ाई खिल्ली
 
चिल्ली ने पाली थी बिल्ली
 
चिल्ली ने पाली थी बिल्ली
 
तिल्ली ने थी पाली पिल्ली
 
तिल्ली ने थी पाली पिल्ली
 +
 
पिल्ली थी दुमकटी चिबिल्ली
 
पिल्ली थी दुमकटी चिबिल्ली
 
उसने धर दबोच दी बिल्ली
 
उसने धर दबोच दी बिल्ली
 
मरी देख कर अपनी बिल्ली
 
मरी देख कर अपनी बिल्ली
 
गुस्से से झुँझलाया चिल्ली
 
गुस्से से झुँझलाया चिल्ली
 +
 
लेकर लाठी एक गठिल्ली
 
लेकर लाठी एक गठिल्ली
 
उसे मारने दौड़ा चिल्ली
 
उसे मारने दौड़ा चिल्ली
 
लाठी देख डर गया तिल्ली
 
लाठी देख डर गया तिल्ली
तुरंत हो गयी धोती ढिल्ली
+
तुरंत हो गई धोती ढिल्ली
 +
 
 
कस कर झटपट घोड़ी लिल्ली
 
कस कर झटपट घोड़ी लिल्ली
 
तिल्ली सिंह ने छोड़ी दिल्ली
 
तिल्ली सिंह ने छोड़ी दिल्ली
 
हल्ला हुआ गली दर गल्ली
 
हल्ला हुआ गली दर गल्ली
तिल्ली सिंह ने जीती दिल्ली!
+
तिल्ली सिंह ने जीती दिल्ली !
 
+
 
</poem>
 
</poem>

12:26, 5 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण

पहने धोती कुरता झिल्ली
गमछे से लटकाये किल्ली
कस कर अपनी घोड़ी लिल्ली
तिल्ली सिंह जा पहुँचे दिल्ली

पहले मिले शेख जी चिल्ली
उनकी बहुत उड़ाई खिल्ली
चिल्ली ने पाली थी बिल्ली
तिल्ली ने थी पाली पिल्ली

पिल्ली थी दुमकटी चिबिल्ली
उसने धर दबोच दी बिल्ली
मरी देख कर अपनी बिल्ली
गुस्से से झुँझलाया चिल्ली

लेकर लाठी एक गठिल्ली
उसे मारने दौड़ा चिल्ली
लाठी देख डर गया तिल्ली
तुरंत हो गई धोती ढिल्ली

कस कर झटपट घोड़ी लिल्ली
तिल्ली सिंह ने छोड़ी दिल्ली
हल्ला हुआ गली दर गल्ली
तिल्ली सिंह ने जीती दिल्ली !