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"आने वाले दिनों में क्या होगा.. / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर
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+ | जल्द ही शाख़ से जुदा होगा | ||
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− | + | मौत को इससे हौसला होगा | |
− | + | सबको दुश्मन बना लिया मैंने | |
− | + | कोई मुझसा भी सिरफिरा होगा | |
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21:03, 8 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
आने वाले दिनों में क्या होगा
देख लेंगे, जो हौसला होगा
आज जी भर के उसको रोने दो
खुद से मिलना था मिल लिया होगा
फूल में ताज़गी ग़ज़ब की है
जल्द ही शाख़ से जुदा होगा
जिंदगी तू जो हार जायेगी
मौत को इससे हौसला होगा
सबको दुश्मन बना लिया मैंने
कोई मुझसा भी सिरफिरा होगा