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"उदास तो है / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर
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सब समझते हैं जिसको परदेसी, | सब समझते हैं जिसको परदेसी, | ||
− | वो कहीं दिल के आस पास तो है | + | वो कहीं दिल के आस पास तो है । |
राम इस दौर में कहाँ होंगे, | राम इस दौर में कहाँ होंगे, | ||
− | राम जैसा कोई लिबास तो है | + | राम जैसा कोई लिबास तो है । |
चल पड़ा है कोई हवा के खिलाफ, | चल पड़ा है कोई हवा के खिलाफ, | ||
− | कुछ नतीजा नहीं है आस तो है | + | कुछ नतीजा नहीं है आस तो है । |
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12:05, 11 जून 2010 के समय का अवतरण
मेरा अहसास मेरे पास तो है,
दिल जो रोया नहीं उदास तो है ।
सब समझते हैं जिसको परदेसी,
वो कहीं दिल के आस पास तो है ।
राम इस दौर में कहाँ होंगे,
राम जैसा कोई लिबास तो है ।
चल पड़ा है कोई हवा के खिलाफ,
कुछ नतीजा नहीं है आस तो है ।