भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सृजन की कोशिश / मनोज श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
					
										
					
					 (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= मनोज श्रीवास्तव  |संग्रह=  }}  {{KKCatKavita}} <poem> '''सृजन की को…)  | 
				|||
| पंक्ति 15: | पंक्ति 15: | ||
आन्दोलनकारी विचारों    | आन्दोलनकारी विचारों    | ||
और झंझावाती भावों से    | और झंझावाती भावों से    | ||
| − | + | लड़ रहा हूं  | |
यह सब कोशिश  | यह सब कोशिश  | ||
17:13, 4 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण
सृजन की कोशिश 
यह विचारों की द्रुतगामी नदी है 
भावों की लहरें उफ़न रही है
और मैं कविता की नाव का 
लंगर किनारे डालकर
शब्दों के पतवार से 
आन्दोलनकारी विचारों 
और झंझावाती भावों से 
लड़ रहा हूं
यह सब कोशिश
एक सार्थक सृजन की 
तलाश के लिए है ,
आखिर, यह थकता पतवार 
नदी की लहरों से 
कब सामंजस्य बैठा पाएगा?
	
	