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"तुम्हारी गोद में / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>घुंडियों के मुंह लगाते ही
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घुँडियों के मुँह लगाते ही
 
लगा मुझे
 
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सारा सुख यहीं है
 
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उमस
 
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आँधी
 
और लू के थपेड़े
 
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या ओलावृष्टि की मार
 
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कुछ नहीं कर सकती मेरा
 
कुछ नहीं कर सकती मेरा
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तुम्हारी गोद मे‍ मुझे डर कैसा
 
तुम्हारी गोद मे‍ मुझे डर कैसा
मैं चूंध तृप्त होता हूं
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मैं चूँध तृप्त होता हूं
चूंध तृप्त होता है जगत
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चूँध तृप्त होता है जगत
 
तुम्हारी छातियों में
 
तुम्हारी छातियों में
क्षीर सागर है मां !
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क्षीर-सागर है माँ !
  
 
'''अनुवाद : नीरज दइया'''
 
'''अनुवाद : नीरज दइया'''
 
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18:52, 5 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

घुँडियों के मुँह लगाते ही
लगा मुझे
सारा सुख यहीं है

उमस
आँधी
और लू के थपेड़े
या ओलावृष्टि की मार
कुछ नहीं कर सकती मेरा

तुम्हारी गोद मे‍ मुझे डर कैसा
मैं चूँध तृप्त होता हूं
चूँध तृप्त होता है जगत
तुम्हारी छातियों में
क्षीर-सागर है माँ !

अनुवाद : नीरज दइया