भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"खेल / लीलाधर जगूड़ी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर जगूड़ी |संग्रह =चुनी हुई कविताएँ / लीलाधर जगूड…)
 
छो ("खेल / लीलाधर जगूड़ी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

09:49, 9 जुलाई 2010 के समय का अवतरण

बहुत-कुछ अपने जैसा जन्मते ही जो एक आदमी
लीलाधर जगूड़ी नहीं था--वह मैं हूँ

मेरा जन्म ही कठोर कारागार है
--जन्म ही कठोर कारागार है
--मैं जन्म से ही कठोर कारागार में हूँ

क़ैदियों को भी प्यार की ज़रूरत है ये कब से कहा जा रहा है

पहले यहाँ मेरे पिता फँसे
--जब मैं आया वे जेलर बन गए

तब से मेरे दाएँ हाथ का काम
उनके बाएँ हाथ का खेल हो गया ।