भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वस्तुबोध / लीलाधर जगूड़ी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर जगूड़ी |संग्रह =चुनी हुई कविताएँ / लीलाधर जगूड…) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) छो ("वस्तुबोध / लीलाधर जगूड़ी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))) |
(कोई अंतर नहीं)
|
10:03, 9 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
आज जो आदमी ये सोचे
कि एक जूता ज़िंदगी भर चले
तो उसकी उम्र कुल तीन माह शेष है ।