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अतीत के साथ / मनोज श्रीवास्तव
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11:27, 20 अक्टूबर 2010
मैं उन्हें तंग नहीं करूँगा
इस अशिष्ट दुनिया की
खुरदरी
जमीं
जमीन
पर बुलाकर
और नहीं कहूँगा कि--
वे तुम्हें निचाट में छोड़
ढेरों बातें करें
मेरा मन बहलाएँ.
Dr. Manoj Srivastav
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