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"आओ आगे बढ़ें / अशोक लव" के अवतरणों में अंतर

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आओ भर लें ह्रदय में  
 
आओ भर लें ह्रदय में  
 
अग्नि की दाहकता  
 
अग्नि की दाहकता  

13:01, 4 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

आओ भर लें ह्रदय में
अग्नि की दाहकता
आँधियों की प्रचंडता
सागर की गहनता

शिशुओं की मधुर मुस्कानों से
धो डालें
उदासियों की परतें

सूर्य के प्रकाश से आलोकित कर लें
ह्रदय के कोनों में बस गए
अंधेरों को

यही हमारे आसपास ही है सब कुछ
जो-जो चाहिए
ले लें
केवल बढ़ाने हैं हमें, हाथ
दृढ़ करनी है
संकल्प-शक्ति