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"उस अजनबी लड़की के लिए / संकल्प शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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पिछले कुछ दिनों से
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मैं पिछले कुछ दिनों से
मैं सुन रहा हूँ ,
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सुन रहा हूँ ,
तुम्हें,
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तुम्हारी सरगोशी,
तुम्हारे बारे में .
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और अब
 
और अब
सच है के
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सच ये  है के
तुम्हें सोचता भी हूँ .
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तुम ही को  सोचता हूँ .मैं
 
खिंच गयी हो तुम
 
खिंच गयी हो तुम
 
मन में
 
मन में
एक लकीर सी
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एक लकीर  
 
कच्चे कोलतार की सड़क पे
 
कच्चे कोलतार की सड़क पे
पड़े पहिये के निशान के जैसी
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पड़े पहिये के न मिट्ने वाले निशान के जैसी
 
हाँ-हाँ मुझे स्वीकार है
 
हाँ-हाँ मुझे स्वीकार है
 
मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
 
मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
 
और मुझे ये भी स्वीकार है
 
और मुझे ये भी स्वीकार है
 
के तुम्हें पाने और ना पाने के बीच
 
के तुम्हें पाने और ना पाने के बीच
बहुत सी दूरियां हैं,कारण हैं
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बहुत सी दूरियां हैं,और कारण हैं
 
मसलन ,
 
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तुम्हें जानता भी नहीं
 
तुम्हें जानता भी नहीं
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दो भिन्न-भिन्न बातें हैं
 
दो भिन्न-भिन्न बातें हैं
 
इस जनम में तो तुम्हें शायद पा ना सकूँ
 
इस जनम में तो तुम्हें शायद पा ना सकूँ
एक और कई जनम लेने होंगे तुम्हें पाने को ....
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और कई जनम लेने होंगे तुम्हें पाने को ...........
 
जनम तो शायद दुबारा हो भी जाएं
 
जनम तो शायद दुबारा हो भी जाएं
 
मगर प्रेम …
 
मगर प्रेम …
क्या दुबारा हो सकेगा  
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क्या
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दुबारा हो सकेगा  
 
तो क्या ये ख्वाब ये संकल्प अधूरा ही रहेगा
 
तो क्या ये ख्वाब ये संकल्प अधूरा ही रहेगा
 
जनमों जनमों तक..???
 
जनमों जनमों तक..???

00:12, 3 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण


मैं पिछले कुछ दिनों से
सुन रहा हूँ ,
तुम्हारी सरगोशी,
और अब
सच ये है के
तुम ही को सोचता हूँ .मैं
खिंच गयी हो तुम
मन में
एक लकीर
कच्चे कोलतार की सड़क पे
पड़े पहिये के न मिट्ने वाले निशान के जैसी
हाँ-हाँ मुझे स्वीकार है
मैं तुमसे प्रेम करता हूँ
और मुझे ये भी स्वीकार है
के तुम्हें पाने और ना पाने के बीच
बहुत सी दूरियां हैं,और कारण हैं
मसलन ,
तुम्हें जानता भी नहीं
तुमसे मिला भी नहीं
देखा भी कहाँ है तुमको
अलावा
उस एक धुंधली सी तस्वीर के
जो है मेरे ख्यालों में
और वैसे भी
तुम्हारे मेरे दर्मियां फ़ासला भी है
मीलों का,
प्रेम करना और उसे पाना
दो भिन्न-भिन्न बातें हैं
इस जनम में तो तुम्हें शायद पा ना सकूँ
और कई जनम लेने होंगे तुम्हें पाने को ...........
जनम तो शायद दुबारा हो भी जाएं
मगर प्रेम …
क्या
दुबारा हो सकेगा
तो क्या ये ख्वाब ये संकल्प अधूरा ही रहेगा
जनमों जनमों तक..???