"शादी के गीत" के अवतरणों में अंतर
(नया पृष्ठ: बन्ना अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली इनकी मनोहर जोडी ल…) |
|||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
बन्ना | बन्ना | ||
+ | 1. | ||
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली | अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली | ||
पंक्ति 26: | पंक्ति 27: | ||
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली | अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली | ||
+ | |||
+ | |||
+ | 2. | ||
+ | |||
+ | केसरिया बन्ना बागों में आया रे,केसरिया बन्ना बागों में आया रे | ||
+ | |||
+ | आवो री सज धज कर आवो री, | ||
+ | |||
+ | सखियन सब आवो री, माला पहनावो री | ||
+ | |||
+ | केसरिया बन्ना बागों में आया रे॥ | ||
+ | |||
+ | ये मेरे हाथ फूलों की डाली,ये मेरे हाथ फूलों की डाली | ||
+ | |||
+ | मैं जो मालन बन कर आयी, बागों में एसी छायी | ||
+ | |||
+ | केसरिया बन्ना बागों में आया रे| | ||
+ | |||
+ | ये मेरे हाथ चौमुखी दियना,ये मेरे हाथ चौमुखी दियना | ||
+ | |||
+ | मैं तो ज्योती बन कर आयी, महलों में एसी छायी| | ||
+ | |||
+ | केसरिया बन्ना बागों में आया रे | ||
+ | |||
+ | ये मेरे हाथ पानों के बीडे,ये मेरे हाथ पानों के बीडे, | ||
+ | |||
+ | मैं जो लाली बन कर आयी,रंगों में एसी छायी | ||
+ | |||
+ | केसरिया बन्ना बागों में आया रे| | ||
+ | |||
+ | केसरिया बन्ना बागों में आया रे | ||
+ | |||
+ | आवो री सज धज कर आवो री | ||
+ | |||
+ | सखियन सब आवो री, माला पहनावो री | ||
+ | |||
+ | केसरिया बन्ना बागों में आया रे॥ |
19:53, 26 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण
बन्ना
1. अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
इनकी मनोहर जोडी लागे कितनी भली
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
बहना के घर में ये पहली खुशी है
पहली खुशी बडी देर से मिली है
सपना पूरा हुआ, मन की आशा फली
इनकी मनोहर जोडी लागे कितनी भली
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
दिन रंग भरे आयेंगे, होगी हर रात दिवाली
संग ले के चली अपने घर, अब दिया जलाने वाली
प्यारे भैया ने पायी दुल्हन सांचे में ढली
इनकी मनोहर जोडी लागे कितनी भली
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
2.
केसरिया बन्ना बागों में आया रे,केसरिया बन्ना बागों में आया रे
आवो री सज धज कर आवो री,
सखियन सब आवो री, माला पहनावो री
केसरिया बन्ना बागों में आया रे॥
ये मेरे हाथ फूलों की डाली,ये मेरे हाथ फूलों की डाली
मैं जो मालन बन कर आयी, बागों में एसी छायी
केसरिया बन्ना बागों में आया रे|
ये मेरे हाथ चौमुखी दियना,ये मेरे हाथ चौमुखी दियना
मैं तो ज्योती बन कर आयी, महलों में एसी छायी|
केसरिया बन्ना बागों में आया रे
ये मेरे हाथ पानों के बीडे,ये मेरे हाथ पानों के बीडे,
मैं जो लाली बन कर आयी,रंगों में एसी छायी
केसरिया बन्ना बागों में आया रे|
केसरिया बन्ना बागों में आया रे
आवो री सज धज कर आवो री
सखियन सब आवो री, माला पहनावो री
केसरिया बन्ना बागों में आया रे॥