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"आदिम गुनाह में कैद / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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14:26, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
अपनी गोलाई में कैद
बड़े आसमान का
खूबसूरत चाँद
न मिला मुझे
बचपन में-
जवानी में
जहाँ मैं हूँ
आदिम गुनाह में कैद
उससे दूर
बहुत दूर
अकेला
जमीन पर पड़ा
रचनाकाल: ०८-१०-१९६७