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"आपणो कांई लेवै / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>गैलसफा गिनती में घणा कोनी
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गैलसफा गिनती में घणा कोनी
 
आंख्यां सूं आंधा ऐ
 
आंख्यां सूं आंधा ऐ
 
एक है
 
एक है

22:35, 25 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

गैलसफा गिनती में घणा कोनी
आंख्यां सूं आंधा ऐ
एक है

स्याणा अर सूझ खातर
आपरै नांव सूं ओळखीजता
अणगिणती आदमी
आपरी अलायदी दुनिया में रैवै
सहन करै
गैलसफां री गूंग

रेकारो ई कोनी देवै
मूंडै में मूंग घाल्यां बैठा रैवै
सोचै-
आपणो कांई लेवै !