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"भगवान रो रूप / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: <poem>एक सुपनो हुवै टाबर री आंख में भायलां सागै रमतो-रमतो बणावै बो रे…)
 
 
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<poem>एक सुपनो हुवै टाबर री आंख में
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|रचनाकार=साँवर दइया
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एक सुपनो हुवै टाबर री आंख में
 
भायलां सागै
 
भायलां सागै
 
रमतो-रमतो बणावै बो
 
रमतो-रमतो बणावै बो

22:41, 25 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

एक सुपनो हुवै टाबर री आंख में
भायलां सागै
रमतो-रमतो बणावै बो
रेत रो घर

खुद बणावै
खुद ई मिटावै

साची कैवै मां-
टाबर भगवान रो रूप हुवै !