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"होठां में हरफ सागी / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>म्हनै देख र मुळकै तूं
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म्हनै देख र मुळकै तूं
 
थनै देख र मुळकूं म्हैं
 
थनै देख र मुळकूं म्हैं
 
रोजीनै दांई
 
रोजीनै दांई

22:41, 25 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

म्हनै देख र मुळकै तूं
थनै देख र मुळकूं म्हैं
रोजीनै दांई

पाणी री गिलास धर परो पूछै तूं –
मळाई कोफ्ता… मटर पनीर… शाही पनीर…
पालक पनीर… बैंगन भुरता…… पुलाव……
अर
एक पछै एक बोल्यां ई जावै नांव
जाणै बाजता हुवै नान स्टाप गीत

पछै उडीकण लागै तूं
म्हारै होठां सूं निकळै
कदास कोई नुंवो नांव
पण म्हारै होठां में हरफ सागी –
हाफ दाळ फ्राई ।

तूं सावळ जाणै
कांई खा सकै
थारै-म्हारा जिसा लोग
पण थारै पूछियां बिना सरै कोनो !
अर म्हनै दाल छोड़ कीं जरै कोनी !!