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जब चुकने लगते हैं पिता | जब चुकने लगते हैं पिता |
01:05, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
जब चुकने लगते हैं पिता
माँ हो जाती है प्रासंगिक।
माँ धीरे-धीरे हो जाती है
दादी या नानी।
वर्षों के अनुभवों के बावज़ूद
पिता रह जाते हैं
महज़ पिता।