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"…देखो / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>सूरज नै पजावण रो ढंग देखो !
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सूरज नै पजावण रो ढंग देखो !
 
रात  सूती  नागी-तडंग  देखो !
 
रात  सूती  नागी-तडंग  देखो !
  

16:50, 27 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

सूरज नै पजावण रो ढंग देखो !
रात सूती नागी-तडंग देखो !

पैली तो ओलै-छानै लड़ता म्है,
अब सड़कां माथै हुवै जंग देखो !

डुसकां सागै आया आंसू बारै,
मन-दुख री बात चढगी चंग देखो !

घराळा छोड मुलक ढूकै आंगणै,
दिल कितो दरियाव कित्तो तंग देखो !

आंधी नित निंदरावै खेतड़ला,
पण ऊगै औ बीज दबंग देखो !