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डूब गया मैँ मैं यार किनारे पर वादोँ वादों की कश्ती मेँमें और ज़माना कहता है कि डूबा हूँ मैँ मैं मस्ती मेँ में
ठीक से पढ़ भी नहीँ नहीं सका और भीग गईं आँखेँ आँखें मेरीमीर को रख कर भेज दिया है ग़ालिब ने इक चिठ्ठी मेँ।में ।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस मेँ में सब भाई हैँहैं सरकारी ऐलान हुआ है आज हमारी बस्ती मेँ में
रोज़ कमीशन लग के वेतन बढ़ जाता है अफ़सर का
और ग़रीबी पिसती जाती मंहगाई की चक्की मेँ में
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