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Kavita Kosh से
कुछ तेरे दिल में धड़कता हुआ लगा है मुझे
एक खुशबू ख़ुशबू सी ख्यालों में बसी रहती हैसाथ हरदम है कोई खुशनुमाख़ुशनुमा,लगा है मुझे
यह भी ताक़त न रही चार क़दम उठके चलूँ