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कुछ हो ऐसा कि ये परदा भी रहे, बात भी हो
फिर कहाँ होंगी ये रातें, ये शोखियाँ शोख़ियाँ दिल की!
क्या कहेंगे उन्हें फिर, जो मुलाक़ात भी हो!
आप नाहक हैं परेशान, कोई बात भी हो!
यों तो खुशबू ख़ुशबू का खजाना है पँखुरियों में, गुलाब!क्या पता इसमें तेरे प्यार की सौगात सौग़ात भी हो   
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