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तुझे देखे परदा उठाके जो किसी दूसरे की मजाल क्या!
ये तो आईने आइने का कमाल है कि हज़ार रंग बदल सके
तेरे प्यार में है पहुँच गया, मेरा दिल अब ऐसे मुकाम मुक़ाम पर
कि न बढ़ सके, न ठहर सके, न पलट सके, न निकल सके
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