भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आलोकवृत्त / गुलाब खंडेलवाल

149 bytes added, 21:36, 14 जुलाई 2011
*[[भग्न तारों को सजाकर, / प्रथम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[होती गयी रजनी गहन से गहनतर, / प्रथम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[और एक दिन निशि के सूनेपन में रूग्ण पिता के / द्वितीय सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[['मन्त्र पुराने काम न देंगें, मन्त्र नया पढ़ना है / तृतीय सर्ग/ गुलाब खंडेलवाल]]
2,913
edits