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आमुख / गुलाब खंडेलवाल

No change in size, 21:42, 20 जुलाई 2011
सपने में आप इंद्र, कुबेर या कार्तिकेय कुछ भी बन जाएं,
चाहे जितने विशेषणों से अपने को सजा लें,
आइने आईने के सम्मुख कितने भी तन जायें,
यथार्थ के क्षेत्र में तो आपको सदा
धूल ही चाटनी होगी,
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