भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
जाने कब छांव घनी देता शजर<ref>वृक्ष</ref> आएगा
अपना सर सजदे में उस दर पे मुसलसल<ref>लगातार</ref> रख दे
इक न इक तो इबादत में असर आएगा
</Poem>
 
{{KKMeaning}}
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits