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पाँच उपभाषाओँ और दस बोलियोँ के क्षेत्र मेँ खड़ीबोली को सम्पर्क-भाषा की प्रतिष्ठा प्राप्त हुई है। खड़ीबोली सभी आंचलिक भाषाओँ की साँझी भाषा के रूप मेँ विकसित हुई। ’खड़ीबोली’ शब्द का प्रयोग लल्लूलाल और सदलमिश्र के निबन्धोँ मेँ मिलता है। खड़ीबोली को ’हिन्दी’ नाम से भारत की राष्ट्र-भाषा राजभाषा (एवं मातृभाषा) के पद पर प्रतिष्ठित किया गया है, जिसकी लिपि देवनागरी है।
==हिन्दी शब्द की व्युत्पत्ति==
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