भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शेरजंग गर्ग / परिचय

32 bytes added, 17:05, 2 जुलाई 2012
/* सम्मान */
बाल-साहित्य उनके योगदान को कभी विस्मृत नहीं कर सकता। ऐसे समय में जब हिंदी साहित्य में शिशु गीत न के बराबर थे, डॉ. गर्ग ने उनकी शुरूआत की। बाल-साहित्य के प्रति उनके योगदान को देखते हुए हिंदी अकादमी, बालकन बारी तथा बाल भवन ने उनको सम्मानित किया है। बाल-साहित्य की उनकी विशिष्ट रचनाएँ हैं -- 'सुमन बाल गीत', 'अक्षर गीत', 'गुलाबों की बस्ती', 'नटखट गीत', 'भालू की हड़ताल'। हिन्दी भवन के निदेशक के रूप में कार्य करते हुए इन्होंने हिन्दी से जुड़े अनेक नए कार्यक्रमों तथा आयोजनों को आयोजित किया।
==सम्मान==
हिन्दी में उत्कृष्ट व्यंग्य-लेखन एवं शोधकार्य के लिए डॉ0 [[शेरजंग गर्ग ]] को पहला 'व्यंग्यश्री सम्मान' प्रदान किया गया। । हिन्दी में व्यंग्य-ग़ज़लें और इनका शोध-प्रबंध 'स्वातंत्र्‌योत्तर हिन्दी-कविता में व्यंग्य' चर्चित रहे। 'बाज़ार से गुज़रा हूं', 'दौरा अंतर्यामी का', 'क्या हो गया कबीरों को' और 'रिश्वत-विषवत' डॉ0 गर्ग की प्रमुख व्यंग्य-कृतियां हैं। 'व्यंग्यश्री सम्मान' समारोह में सर्वश्री [[गोविंदप्रसाद केजरीवाल]], डॉ0 [[प्रेम जनमेजय]], डॉ0 [[रत्ना कौशिक]], [[सुरेन्द्र शर्मा]], [[अल्हड़ बीकानेरी ]] और [[सरोजिनी प्रीतम ]] ने भाग लिया। समारोह की अध्यक्षता 'जनसत्ता' के कार्यकारी संपादक श्री [[राहुल देव ]] ने की।
Mover, Reupload, Uploader
7,916
edits