भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|संग्रह=
}}
{{KKCatNazm}} <poem>
दाने तक जब पहुँची चिड़िया
 
जाल में थी
 ज़िन्दा रहने की ख़्वाहिश ने मार दिया ।दिया।</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,103
edits