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हम पूँछेन वहिते
हालु चालु
जब हमका राह म देसु मिला
छब्बीस जनवरी रहै तौनु
जिउ वहिका लागै खिला खिला
ब्वाला,
छब्बीस जनवरी है,
बस आजु कै दिन तुम रहै देव
सच्ची झूठी हमका बधाई
जो दीन चहौ तौ वहै देव
 
पिकनिक मनाओ,
घर मा पहुड़ौ,
है हमका कउनिव नहीं गिला
 
तुम पूरे साल म
सबै जने
हमरी छाती पर मूँग दरौ
जहिते हमार जिउ दहलि उठै
तुम पंचै खाली वहै करौ
 
हम कहा
कि तुम सठियाय गयो
औ फ्यांका नहिला पर दहिला
 
दिनु राति हियाँ
हम एकु केहे
तुमरे बारे मा सोचि रहेन
दलितन औरतन क अब्यो रोजु
पैरन के नीचे दाबे हन
 
हम पकरि झोटैय्या
खैंचि ल्याब
जो मंदिर मा जाई महिला
 
हम चाहे माँगी
भीख रोजु
मुलु मंदिर भब्य हमार बनी
हम चाहे भूखे बिल्लाई
मस्जिद कै बाबत रारि ठनी
 
हम टोपी तिलक
लेहे दउरी
हर गाँव गली हर जिला जिला
 
हम पूँछेन वहिते
हालु चालु
जब हमका राह म देसु मिला
छब्बीस जनवरी रहै तौनु
जिउ वहिका लागै खिला खिला
</poem>
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