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विश्व पुस्तक मेला 2018

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====कविता कोश कैलेण्डर 2018====
<p><span style="color: #a00000; font-weight: bold">
स्थान: स्टॉल 22-24 हॉल 12<br>
समय: 6 से 14 जनवरी 2018 (सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक)
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कविता कोश महत्त्वपूर्ण है लेकिन उससे भी कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण है इससे जुड़े सभी स्वयंसेवक साथी और हमारी निस्वार्थ स्वयंसेवा भावना। कविता कोश से जुड़े लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष इससे कोई भी आर्थिक लाभ नहीं पाते लेकिन फिर भी हम अपने मन की संतुष्टि के लिए अथक कार्य में जुटे रहते हैं। यही बात कविता कोश को एक अद्वितीय परियोजना बनाती है।
हमारे ऐसे ही एक अथक स्वयंसेवी कार्य का परिणाम है '''कविता कोश कैलेण्डर 2018'''। इस शानदार कैलेण्डर को आप सबके सामने रखते हुए हमें गर्व हो रहा है... कुमार अमित और शारदा सुमन इस कैलेण्डर परियोजना के सूत्रधार रहे हैं।
[[चित्र:Kavitakosh-calendar-2018.jpg|frame|center]]
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हिन्दी साहित्य के बारे में शायद आज तक ऐसा भव्य कैलेण्डर नहीं बना है।
====गीत संकलन की प्रस्तुति====
<p><span style="color: #a00000; font-weight: bold">
स्थान: स्टॉल 22-24 हॉल 12<br>
समय: 6 से 14 जनवरी 2018 (सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक)
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राहुल शिवाय द्वारा संपादित और कुमार अमित के बनाए कवर से सजा गीत संकलन "गीत गुनगुनाएँ फिर से" भी खरीद के हमारे स्टॉल पर उपलब्ध होगा। नए काव्य रचनाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए कविता कोश द्वारा प्रकाशित इस संकलन वरिष्ठ और नवोदित 80 गीतकारों को स्थान दिया गया है।
[[चित्र:Geet-gungunaae-fir-se-kavitakosh.jpg|frame|center]]
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===="चाँद का मुँह टेढ़ा है"====
<p><span style="color: #a00000; font-weight: bold">
स्थान: लेखक मंच, हॉल 12<br>
समय: 7 जनवरी 2018 (शाम 4:15 से 5:45 तक)
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कविता कोश इस विश्व पुस्तक मेले में दो शानदार कार्यक्रमों का आयोजन भी करेगा। पहला कार्यक्रम 7 जनवरी को 4:15 बजे होगा। इसमें मुक्तिबोध के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक चर्चा होगी। इस चर्चा में [[लीलाधर मंडलोई|लीलाधर मंडलोई जी]], [[मदन कश्यप|मदन कश्यप जी]], [[सुमन केशरी|सुमन केशरी जी]] और [[अशोक कुमार पाण्डेय|अशोक कुमार पाण्डेय जी]] भाग लेंगे। चर्चा का संचालन सईद अय्यूब करेंगे।
[[चित्र:Muktibodh-kavitakosh-event-ndwbf-2018.jpg|frame|center]]
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====कविता कोश लोकरंग====
<p><span style="color: #a00000; font-weight: bold">
स्थान: लेखक मंच, हॉल 12<br>
समय: 13 जनवरी 2018 (शाम 6:00 से 7:30 तक)
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कविता कोश सभी भाषाओं के काव्य का एक महासागर है... विभिन्न भाषाओं के प्रति अनुराग रखने वाले स्वयंसेवक कविता कोश के विभिन्न भाषा विभागों को परिवर्धित करते हैं। स्वयंसेवकों के इस श्रम को रेखांकित करने के लिए हम बहुत समय से एक कार्यक्रम करना चाहते थे जिसमें विभिन्न भाषाओं के गीतों की मिठास को एक साथ घोला जा सके।
इसी दिशा में एक छोटा-सा कदम बढ़ाते हुए हम विश्व पुस्तक मेले के दौरान "लोकरंग" नामक एक कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं जिसमें कविता कोश के स्वयंसेवक विभिन्न भाषाओं के गीतों/कविताओं का सस्वर पाठ करेंगे। इसमें राजस्थानी, हरियाणवी, अंगिका, मैथिली, भोजपुरी, ब्रजभाषा, बज्जिका और अवधी की रचनाओं का पाठ होगा। यक़ीनन यह कार्यक्रम मीठा होगा... आप 13 जनवरी को शाम 6 बजे प्रगति मैदान के हॉल 12 में उपस्थित रहें और इस मिठास का आनंद लें! हमारी कोशिश को समर्थन देने आइयेगा ज़रूर!
[[चित्र:Kavitakosh-lokrang-ndwbf-2018.jpg|frame|center]]
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