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सांग:– चापसिंह– सोमवती & अनुक्रमांक – (अनुक्रमांक– 28 )
वार्ता:- सज्जनो! सोमवती की बात सुनके वे नटनीया उसको मना कर देती है क्यूकि वे कहती है कि तुम तो रंगमहलो मे रहने वाली हो तुम कैसे नाच गाना कर सकती हो और फिर वे नटणीयो का मैंन कलाकार उस सोमवती को क्या कहता है।
जवाब:- मैन नट्कलाकार का।
'''कई किस्म के नाच बताएं, ना बेरा नाचण आली नै,''''''गावण के घर दूर बावली, देख अवस्था बाली नै ।। टेक ।।'''
नटबाजी नटकला बांस पै, तनै डोलणा आवै ना,
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