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डर / रणविजय सिंह सत्यकेतु

3 bytes added, 20:27, 11 अप्रैल 2020
<poem>
काम करने वाले हाथों के बूते मलाई मारने वाले
कामगारों के बुलन्दिया बुलन्दियाँ हासिल करने को
दूर की कौड़ी कहते हैं,
उनका मानना है
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