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[[Category:ग़ज़ल]]
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हम सुनायें तो कहानी और है
यार लोगों की जुबानी और है
हम सुनायें तो कहानी और है<br>यार लोगों की जुबानी और है<br><br>चारागर रोते हैं ताज़ा ज़ख्म को<br>दिल की बीमारी पुरानी और है<br><br>जो कहा हमने वो मजमूँ और था<br>तर्जुमाँ की तर्जुमानी और है<br><br>है बिसाते-दिल लहू की एक बूंद<br>चश्मे-पुर-खूं की रवानी और है<br><br>नामाबर को कुछ भी हम पैगाम दें<br>दास्ताँ उसने सुनानी और है<br><br>आबे-जमजम दोस्त लायें हैं अबस<br>हम जो पीते हैं वो पानी और है<br><br>सब कयामत कामतों को देख लो<br>क्या मेरे जानाँ का सानी और है<br><br>अहले-दिल के अन्जुमन में आ कभी<br>उसकी दुनिया यार जानी और है<br><br>शाइरी करती है इक दुनिया फ़राज़<br>पर तेरी सादा बयानी और है<br><br>
जो कहा हमने वो मजमूँ और थातर्जुमाँ की तर्जुमानी और है है बिसाते-दिल लहू की एक बूंदचश्मे-पुर-खूं की रवानी और है नामाबर को कुछ भी हम पैगाम देंदास्ताँ उसने सुनानी और है आबे-जमजम दोस्त लायें हैं अबसहम जो पीते हैं वो पानी और है सब कयामत कामतों को देख लोक्या मेरे जानाँ का सानी और है अहले-दिल के अन्जुमन में आ कभीउसकी दुनिया यार जानी और है शाइरी करती है इक दुनिया फ़राज़पर तेरी सादा बयानी और है '''चश्मे-पुर-खूं''' - खून से भरी हुई आँख<br>'''आबे-जमजम''' - मक्के का पवित्र पानी<br>'''अबस''' - बेकार, '''सानी''' - बराबर, दूसरा<br>'''कामत''' - लम्बे शरीर वाला (यहाँ कयामत/ज़ुल्म ढाने वाले से मतलब है)<br/poem>
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