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<br>प्रथम सोपान
<br>(बालकाण्ड)
<span class=shloka><br>श्लोक
<br>वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि।
<br>मङ्गलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ॥१॥
<br>रामायणे निगदितं क्वचिदन्यतोऽपि।
<br>स्वान्तःसुखाय तुलसी रघुनाथगाथा-
<br>भाषानिबन्धमतिमञ्जुलमातनोति॥७॥</font>
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<br>सो०-जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन।