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पवनेन्द्र पवन

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*[[ख़ून ऐसा मुँह लगा है, जंगलों को पार कर / पवनेन्द्र पवन]]
*[[मेरे मन में ग़म का ही आवास होगा / पवनेन्द्र पवन]]
*[[उछल कर आसमाँ तक जब गिरा बाज़ार चुटकी में / पवनेन्द्र पवन]]