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[[Category:नज़्म]]
<poem>
है याद तुम्हारा कानो कानों में, हौले से कुछ कह जाना
वादों से कैसे सीखे, इस भोले दिल को बहलाना
तुम इस भोली नाज़ुक लड़की को, सपने से नहीं जगाना
है याद तुम्हारा कानो कानों में, हौले से कुछ कह जाना
वादों से कैसे सीखे, इस भोले दिल को बहलाना