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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[=बशीर बद्र]][[Category:कविताएँ]]}}
[[Category:गज़ल]]
[[Category:बशीर बद्र]]<poem>अब किसे चाहें किसे ढूँढा करेंवो भी आख़िर मिल गया अब क्या करें
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~हल्की हल्की बारिशें होती रहेंहम भी फूलों की तरह भीगा करें
अब किसे चाहें किसे ढूँढा करें <br>आँख मूँदे उस गुलाबी धूप मेंवो भी आख़िर मिल गया अब क्या देर तक बैठे उसे सोचा करें <br><br>
हल्की हल्की बारिशें होती रहें <br>दिल मुहब्बत दीन दुनिया शायरीहम भी फूलों की तरह भीगा हर दरीचे से तुझे देखा करें <br><br>
आँख मूँदे उस गुलाबी धूप में <br>देर तक बैठे उसे सोचा करें <br><br> दिल मुहब्बत दीन दुनिया शायरी <br>हर दरीचे से तुझे देखा करें <br><br> घर नया कपड़े नये बर्तन नये <br>इन पुराने काग़ज़ों का क्या करें <br><br/poem>