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इन्साफ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के<br/>
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम ही हो कल के<br />
इन्साफ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल दुनियाँ केरंज सहना और कुछ ना मुँह से कहना<br />ये देश है तुम्हारासच्चाईयों के बल पे, नेता आगे को बढ़ते रहना<br />रख दोगे एक दिन तुम ही हो कल , संसार को बदल के<br />
दुनियाँ अपने हों या पराये, सब के रंज सहना और कुछ ना मुँह से कहनालिए हो न्याय<br />सच्चाईयों के बल पेदेखो कदम तुम्हारा, आगे को बढ़ते रहनाहरगि‍ज ना डगमगाए<br />रख दोगे एक दिन तुमरस्ते बडे कठि‍न हैं, संसार को बदल चलना संभल-संभल के<br />
अपने हों या पराये, सब के लिए हो न्यायदेखो कदम तुम्हारा, हरगि‍ज ना डगमगाएरस्ते बडे कठि‍न हैं, चलना संभल-संभल के इन्सानियत के सर पे, इज्जत का ताज रखना<br />तन मन की देकर भेंट, भारत की लाज रखना<br />जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के<br />
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