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{{KKShayar}}
*[[अभी मरना बहुत दुश्वार है ग़म की कशाकश से / नज़र लखनवी]]
*[[सुन लो कि मर्गे-महफ़िल कुछ मौतबर नहीं है / नज़र लखनवी]]
*[[मेरी सूरत देख कर क्यूँ तुमने ठंडी साँस ली / नज़र लखनवी]]
*[[सिवादे-शामे-ग़म से रूह थर्राती है क़ालिब में / नज़र लखनवी]]