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डर / कुमार सौरभ

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भानस<ref>भोजन</ref> बनाने
जतन से जुट जाएगी बड़की भौजी
छोटकी तो खाल खाली गप्पे हाँकेगी
दूल्हा भी चुटकी लेने में कम माहिर नहीं
ही...ही... कर निपोड़ेगा
पान के दाग़वाली बत्तीसी
दूरे से छुपकर सुनेह्गी सुनेगी निरमलिया
कुछ समझेगी
कुछ कपार के उपरे सेर से बह जाएगा 
निरमलिया के लिए
कौतूहल का विषय है दूल्हे की मूँछ
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